हर रंग है मेरे पास जिन्दगी का, आता है मुझे इन रंगों से खेलना। अक्सर तूफान से उलझ जाना, और फिर उसको अपनी पलकों में सुला देना।
महीना: जनवरी 2016
कशमकश
अजीब कशमकश यहाँ नजर आती है, अपनी ही साँसों से उल्फत बिखर जाती है। कभी अपनों को खोनें का डर सताता है, कोई अपना ही कभी कातिल नजर आता है।